Tuesday, February 1, 2011

सदाचारी (दुराचारी ) और उनका सदाचार (दुराचार )

प्रभावशाली (बलशाली), सज्जनों (दुर्जनों) का हमारे समाज में सदेव से ही आदर रहा है, महाबलियों की अपने क्षेत्र में धाक रहती है,हनमान जी और लक्ष्मी जी के कृपा पात्र इन महानुभावों को निर्बलजन श्रद्धा भाव से देखते हैं और कई आशाएं इनको लेकर वे अपने मन में रखते हैं, निर्बलजन इनकी संगत के लिए सदा ही लालायित रहते हैं, किसी की लड़की भाग गई हो, या किसी व्यापारी को अपनी डूबत राशी वसूल करनी हो, या किसी लुच्चे की छेड़छाड़ से तंग कन्या को उससे पीछा छुडवाना हो, इन सभी कामों को करने के लिए ये भद्रजन सदेव तत्पर रहते हैं, इस प्रकार के वर्ग में आने वाले किसी राजनितिक दल के छुटभैये नेता भी होते हैं, जो इनके आभामंडल को और अभामंडित करता है. इनके घर पर किसी भी प्रकार का आयोजन हो, निर्बलजन अपनी मुफ्त सेवाएं देते हैं,
हमारे मुहल्ले में भी कुछ मसलपावर रखने वाले सज्जन हैं , में इनमे से कुछ प्रमुख व्यक्तित्वों की चर्चा यहाँ करूँगा,
मुझे याद है हमारे पास में रहने वाले एक पहलवान जी के लड़के की शादी थी, पुरे मुहल्ले के लड़के सारी रात नाचे, जेसे उनकी खुद की शादी हो रही हो..उनके शांति पूर्ण व्यवहार (आतंक पूर्ण ) के कारण केटरिंग वाला, घोड़ी और बेंड वाला, किराने वाला, तेली, माली, नाई सभी ने घर का काम समझ कर किया और नेग और सेवा शुल्क के बदले केवल उनकी कृपा का आशीर्वाद माँगा..
उन्होंने दिया भी, और वे सभी धन्य हो गए,

एक प्रभावशाली सज्जन बड़े ही मिलनसार हैं, उनके घर मिलने वालों का ताँता लगा रहता हैंउसमे नगर के प्रमुख लोग होते हैं जो उनके कुछ निजी काम करवाने आते हैं,इन कामों में प्रमुख काम वो होते हैं जो कई बार सरकारी उदासीनता के कारण या कानून के दायरे के बाहर होने के कारण वे इनसे करवाते हैं, उनकी धाक का आलम ये है की उनकी अतिसुन्दर बहन मुहल्ले के सभी लुच्चों की भी बड़ी बहिन है, मजाल है जो कोई लुच्चा अपने मन में भी उसके प्रति कोई बुरा ख्याल लाये. राखी के दिन सभी महाबली जी के घर उनकी बहन से राखी बंधवाने लाइन में खड़े रहते हैं.
इनका एक लड़का भी है जो उसकी उम्र के सभी लड़कों का आदर्श है, क्योंकि आगामी समय में अपने पिता का स्थान वही लेगा,
मेने सोचा की निर्बल का तो आज के ज़माने में बेडा ही गर्क है, मेरे पड़ोस में एक सज्जन रहते हैं, सीधे साधे मध्यवर्गीय नोकरी पेशा व्यक्ति, उनकी पीड़ा ये है की उनके एक लड़की है जो शोहदों की छेड़खानी से त्रस्त हैं, वो बेचारी शाम के बाद तो घर से भी नहीं निकल सकती ...
वहीँ एक सज्जन और हैं, जिनके चार मुस्टंडे जेसे लठेत साइज के लड़के हैं जो उस इलाके में घटने वाली लगभग हर वारदात में लिप्त रहते हैं, बड़े वाले का तो फोटो भी थाने में लगा हुआ है जो उनके गोरव में और बढ़ोतरी ही नहीं करता बल्कि इससे उनकी इस क्षेत्र में मार्केट वेल्यु मेंटेन भी रहती है, उनके एक बड़ी ही सुन्दर लड़की है वो आधी रात को भी कहीं आये जाए किसी को कोई परेशानी नहीं, सभी शोहदे उसे अपनी दीदी मानते हैं. और उनकी पत्नी को अपनी मां,
पास के तबेले से दुधिया बगैर कहे 7 - 8 लीटर दूध रोज दे जाता है.. क्योंकि उसकी भेंसे पुरे इलाके में बेखोफ घुमती है काईन हॉउस वाले पहलवान जी के डर से पकड़ते ही नहीं, और भेंसे पूरी सब्जी मंडी में इधर उधर मुहँ मार के आ जाती है पर मजाल है कोई किसी भेंस को छड़ी भी मार दे..
एक बार हमारे मुहल्ले में एक ही रात में कई निर्बलजनों के घरों में चोरी हो गयी और ताले टूटे, पर मजाल है की किसी बलशाली के यहाँ से सुई भी हिली हो..
चोरों की हिम्मत ही नहीं की वो इनके घर की फाटक के पास भी आ जाये..
मुहल्ले में कोई मंत्री नेता आता है तो स्वागत ये ही करते हैं, पिछले दिनों हमारे मुहल्ले में हनुमान जी के मंदिर के अन्नकूट महोत्सव में सम्मिलित होने मंत्री जी आये, तब उनके साथ मंच पर महाबली आसीन हुए और सभी निर्बल नीचे.
हनुमान जी वेसे तो सबके भगवान है, पर इन पर उनकी विशेस कृपा रहती है, में मंगलवार के दिन हनुमान जी के मंदिर जाता हूँ, देखने में आता है की महाबली जी को बिना लाइन में लगे तुरंत दर्शन करवा दिए जाते हैं, दर्शन के वक्त पुजारी की भाव भंगिमा देखते ही बनती है, वो उनकी तरफ बड़ी ही आशा से देखता है, गनीमत है की अन्य भक्तों की उपस्थिति के कारण महाबली जी द्वारा लाई माला वो उन्हें ही नहीं पहना देता और हनुमान जी की बजाय उनके पांव में नहीं लोट जाता,, वो इस ज्ञान से भली भांति परिचित है की आज के ज़माने में मुसीबत पता नहीं कब किस शक्ल में आ जाए और तब हनुमान जी आये या नहीं पर ये गारंटी है की ये तुरंत आ सकते हैं.
मुहल्ले में एक पहलवान जी का लड़का उनके पिता जेसा पहलवान तो नहीं बन सका पर उसने अपने पिता साख के नाम पर श;शुल्क सामाजिक सेवा का कार्य आरम्भ किया तो उसमे काफी नाम कमाया, पेसे का हिसाब तो वो नहीं रखता, वो कहता है की पैसा तो हाथ का मेल है, आता जाता रहता है, उसने कई बेरोजगार युवाओं को अपनी सामाजिक संस्था (गिरोह) में शामिल कर उनको रोज़गार उपलब्ध कराया. उसकी इन अभिनव सेवाओं से इलाके के सभी सूदखोर, दलाल, और जल्दी से धन अर्जित करने के इच्छुक सभी नागरिक इस युवा समाज सेवक और उद्यमी को इस बार 26 जनवरी को सम्मानित करवाने के लिए मंत्री जी से आग्रह कर रहें है, हमे भी पूरा विश्वास है की इन्हें ही सम्मानित किया जायेगा, क्योंकि इनसे बड़े ये गोरव पहले ही प्राप्त कर चुके है सो इस बार इनका चांस पक्का है...


No comments: