Friday, September 4, 2009
उदयपुर में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना को ले कर आन्दोलन
राजस्थान के उदयपुर जिले में हाई कोर्ट बेंच की मांग पिछले २८ सालों से की जा रही है। इस मांग को लेकर वर्तमान में चल रहा आन्दोलन अपने दो माह पुरे कर चुका है और ४ सितम्बर को सभी राजनेतिक दलों और संगठनो की और से एक सामूहिक रेली की गई इसमे उदयपुर के आदिवासियों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। उल्लेखनीय है की उदयपुर संभाग आदिवासी इलाका है और इस इलाके में मानवाधिकारों के हनन की खबरें आम है और अधिकांश गरीब और आदिवासी लोग धन और पहुँच के अभाव में है कोर्ट जो जोधपुर में है नही जा सकते परिणाम में उनको अपील के अभाव में सजा काटनी पड़ती है। लोकतंत्र में जन कल्याणकारी सरकारों का ये फ़र्ज़ बनता है की वो आम जनता को सस्ता और सुलभ न्याय दिलवाने की व्यवस्था करे पर जोधपुर है कोर्ट के वकीलों के दबाव में राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जो जोधपुर से ही आते है वे उदयपुर की इस जायज मांग को ठुकरा चुके है। साथ ही उदयपुर में आई आई टी खोलने के लिए केन्द्र सरकार ने निर्णय लिया था उसे भी नजरंदाज कर आई आई टी को भी जोधपुर में ही खोलने का निर्णय ले लिया है जो ये दर्शाता है की वे पुरे राज्य के नेता नही हो कर केवल जोधपुर के ही नेता बन गए है। श्री गहलोत ने क्षेत्रवाद की सभी सीमाओं को लांग कर उदयपुर में पेयजल की यौजना जो देवास योजना के नाम से जानी जाती है उसके बजट में भी कटोती कर दी है। याद रहे की अन्य पार्टियों की सहायता से चल रही गहलोत सरकार को उदयपुर संभाग ने सबसे ज्यादा विधायक दिए है इसके बावजूद भी उदयपुर संभाग के विकास को इस सरकार ने ठप्प कर दिया है।
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