Tuesday, September 1, 2009

बेदखली के खिलाफ आदिवासियों का वन विभाग और पुलिस के खिलाफ जंगी प्रदर्शन अधिकारी दफ्तर छोड़ भागे

बेदखली के खिलाफ आदिवासियों का वन विभाग और पुलिस के खिलाफ जंगी प्रदर्शन अधिकारी दफ्तर छोड़ भागे राजस्थान के राजसमन्द जिले की कुम्भलगढ़ तहसील के सिया गाँव में वन विभाग द्वारा पिछली २१ अगस्त को कुछ सवर्ण जाती के लोंगो को साथ ले कर कई पीढियों से वन भूमि पर काबिज १३ आदिवासियों की मक्का की फसलें नस्ट कर दी और एक झोंपडा तोड़ दिया। इन आदिवासिओं ने वन अधिकार मान्यता कानून के तहत अपने दावे भी पेश कर रखे थे इसके बावजूद भी वन विभाग ने कुछ दबंगों और पुलिस के साथ मिल कर ये कह कर फसलें नस्ट कर दी की इन लोंगो ने नया कब्जा किया है जबकि इन अदिवासियों के पास सन २००२ के वन विभाग के नोटिस है और ये नोटिस भी सन २००२ में इसलिए आना शुरू हुऐ क्योंकि इससे पहले ये जमीन राजस्व विभाग की थी पर वन विभाग ने ले ली थी.सन २००२ से इन अदिवासियों के दावा पेश करने तक तो वन विभाग और गाँव के दबंग लोंगो ने इन अदिवासियों को कुछ नहीं कहा पर दावा पेश करने के बाद इनको ऐसा लगा की इन आदिवासियों को जमीन मिल जायेगी तो इनको बेदखल करने की योजना बनाई और २१ अगस्त २००९ को इनके साथ ये अमानवीय तरीका अपना कर इनके साथ मारपीट कर फसलें बर्बाद कर दी और एक झोंपडा तोड़ दिया.जब ये आदिवासी अपने साथ हुए अन्याय की पुलिस में ऍफ़ आई आर दर्ज कराने गए तो पुलिस ने इनकी तो ऍफ़ आई आर दर्ज नहीं की उल्टे इस क्षेत्र में काम करने वाले जरगा समिति नाम के संगठन के एक सक्रिय कार्यकर्त्ता और कुछ आदिवासियों के खिलाफ रास्ट्रीय सम्पति को नुकसान पहुँचाने और राज कार्य में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज कर दिया. इस अन्याय के खिलाफ २५ अगस्त २००९ को सेंकडो की तादात में आदिवासी केलवाडा पहुंचे और वन विभाग के बाहर नारेबाजी करने लगे आदिवासियों का आक्रोश देख सभी वन अधिकारी वहा से भाग गए तब सभी लोग पुलिस थाणे पहुंचे और पुलिस से कहा की जब तक दोषी वन विभाग और लोंगो के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं होगा तब तक वे यहाँ से नहीं उठेंगे थाणे में पुलिस के खिलाफ भी दोहर्रे बर्ताव के खिलाफ नारे लगाए आखिरकार पुलिस के इस आश्वासन के बाद ही लोग उठे की उनकी रिपोर्ट भी दर्ज की जायेगी. इसके बाद लोग उपखंड अधिकारी के पास गए और वहां एस डी ओ के नहीं होने पर तहसीलदार को मांग पत्र दिया गया की अगर १० दिन में कोई कार्यवाही नहीं की गई तो बेमियादी पड़ाव डाल दिया जायेगा.
मांगीलाल गुर्जर

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