Saturday, March 19, 2011

विज्ञापन में नारी देह का भौंडा प्रदर्शन

मेने एक सीमेंट का विज्ञापन देखा ..उसमे एक सुडोल शरीर की मालकिन अर्धनग्न कन्या जो सुन्दरता के कथित सभी मापदंडों को पूरा करती प्रतीत हो रही थी ..(जेसा की उसके तन से उजागर हो रहा था) ..
वो विज्ञापन के उस विशाल होर्डिंग में खड़ी हुई दर्शाई गई थी वहीँ दूसरी और उक्त सीमेंट से बनी बिल्डिंग ...और उस बोर्ड पर लिखा था ..
'''''एक अटूट विश्वास,, सोलिड माल,, जिन्दगी भर साथ निभाने का वादा ..एक बार जरुर उपयोग करें .......''
मेरी समझ में ये नहीं आया की सोलिड क्या है ...? में इस पर ज्यादा टिप्पणी नहीं करूँगा ...
विह्यापन सड़क के ऐसे मोड़ पर लगाया गया की उस पर नज़र पड़े बिना रह ही नहीं सकती ..

एक विज्ञापन और जो ..किसी कार का था ...
उसमे एक अति सुंदर अल्प वस्त्रधारिणी कन्या ..उसके शरीर पर कपडे इस प्रकार थे की जो अंग छिपाने थे वे तो नहीं छिप रहे थे.. और जो नहीं छिपाने थे उनको छिपाने की जरुरत ही नहीं होने के कारण नहीं छिपाया गया ..वो उस कार के बोनट पर झुकी हुई थी ..बोर्ड पर लिखा हुआ था ..
''''''क्या बाडी है..कितनी आरामदायक .और स्पीड के तो कहने ही क्या ..इसका माइलेज गज़ब ..सबसे अलग...''''''
में कनफुज्य की बेचा किसको जा रहा है ...मानव बिक्री पर तो क़ानूनी रोक है ..और विज्ञापन से तो ऐसा ही लग रहा था की कार को नहीं ..बेच के ..
अब में आगे नहीं कहूँगा ,,,,,,,,

एक गोरी बनाने की क्रीम का विज्ञापन ...लड़की की शादी नहीं हो पा रही है ..जो भी लड़का आया उसने उसे रिजेक्ट किया ..लड़की ने तत्काल गोरी होने का नुस्खा आजमाया ..
इस क्रम में लड़की को पहले दिन काली बताया ...सातवें दिन ..वो फुलमून नज़र आने लगी .. उसके पुरे मुहल्ले के लड़के उसके घर के सामने शादी का प्रस्ताव लेकर लाइन में खड़े थे ..अब लड़की तय करेगी की उसे किसके साथ शादी करनी है .. जो लड़का देखने आया है ..वो लड़की की असीम सुन्दरता के आगे गद गद है ..

प्रेशर कुकर का विज्ञापन ...............''''
पतिदेव का प्रमोशन रुका हुआ है ..
शाम को बोस को खाने पर बुलाया ..पत्नी ने फलां प्रेशर कुकर में खाना पकाया.. बोस को खिलाया ..बोस ने खाने की तारीफ की (छुपे तौर पर उसकी पत्नी की) पत्नी मुस्कराई बोस ने उसी वक्त प्रमोशन कर दिया ,,पति बोला जय हो फलां कुकर देव की ...अब प्रमोशन कुकर ने करवाया या उसकी पत्नी की कातिल मुस्कराहट ने ..ये तो विज्ञापन बनानेवाले ही जाने ..

पुरुष के अंडर गारमेंट ..का विज्ञापन ..
पुरुष एक चड्डी में आता है ..और चड्डी में ही 7 - 8 गुंडों से लड़ता है ..और लड़की को बचा लेता है ...लड़की उसका शुक्रिया अदा करने के भावों से उसे निहारती है ...और उसकी तरफ बड़े ही कातिलाना अंदाज़ से बढती है ...अब बचो ...तुम्हें कौन बचाएगा ..पर बचना भी कौन चाहता है ...बढ़िया ..

एक विज्ञापन परफ्यूम स्प्रे का ..
एक शादीशुदा सधस्नाता सुंदर पतिव्रता भारतीय नारी ..सामने दूसरी और की बालकनी में एक मेट्रोसेक्सुअल इंडियन यंगबोय जो फलां परफ्यूम स्प्रे लगाये हुए हुए है ..उसकी खुशबु ज्योंही स्त्री तक पहुँचती है उसके पग पथभ्रष्ट होने लगे है ..वो परफ्यूम लगाये युवक की और आकर्षित होने लगती है ..
में सोच रहा हूँ ये कौनसा सन्देश है देश वासियों को ..
इसके एक दुसरे विज्ञापन में पुरे शहर की लड़कियां उस युवक के पीछे भाग रही है जिसने उक्त स्प्रे लगा रखी है ..जेसे मक्खियाँ गुड के पीछे हो ..
लिफ्ट में एक लड़का और लड़की साथ में है लड़का लिफ्ट से बाहर आता है तो उसे ऐसा दिखाया जाता है जेसे उसकी इज्ज़त लुट चुकी हो ..मानों उसने वो परफ्यूम लगा कर ही गलती कर दी और उधर लड़की ऐसे संतोष के भाव चहेरे पर लाकर लिफ्ट से निकलती है मानों बिल्ली मलाई चाट कर निकली हो ,,परम संतोष के भाव ..
महिलाओं का इतना घटिया और भौंडा प्रदर्शन इन विज्ञापनों में ..बर्दास्त के बाहर है ..मुझे पूरा विश्वास है भारत की महिला अभी इतनी आगे नहीं है की उनकी वजह से पुरुषों की इज्ज़त खतरे में हो ..भारत क्या दुनिया में भी ऐसा नहीं है ..महिला का ये चित्रण पूरी तरह से नकली है .

एक टायर का विज्ञापन .........''
लड़की और टायर दोनों खड़े हैं बोर्ड में ....टायर काला कलूटा है,, अकेले टायर को कौन देखेगा और किसी को भी जरुरत है तो वेसे ही खरीद लेगा ..पर विज्ञापन है ..काले कलूटे टायर के साथ में एक गोरी षोडशी खड़ी है ...काला कुरूप टायर अपने नसीब पर रश्क कर रहा है ..की उसे एक शानदार खुबसूरत लड़की का साथ प्राप्त है ..मेने सोचा इस बार में भी यही टायर खरीदूंगा और जब तक पहले वाले टायर घिस नहीं जाते में रोज इस विज्ञापन के दर्शन करूँगा तथा साथ ही प्रार्थना करूँगा की मेरे टायर जल्दी घिसे ..

एक मोटर साइकल का विज्ञापन ...........'''
लड़की मोटर साइकल के पास में खड़ी है ...........बोर्ड पर लिखा है ,,..'' गज़ब का दम..शानदार पिकप ...एक शानदार सवारी ..फ्री ट्रायल के लिए हमारे शोरुम पर पधारें ....मेरे साथ चल रहे साथी ने कहा आज ही जाता हूँ ...लड़का मोटर साइकल पर सवार है और स्पीड से बढ़ा जा रहा है ..क्या सवारी है ..कल्पना में लड़की दिखाई जा रही है ....

एक चाकलेट का विज्ञापन ......''
लड़का स्वादिस्ट चाकलेट का रेपर उतार रहा है ...और कल्पना में एक लड़की है ...'''
मेने अपना माथा ठोक लिया ...हद हो गई ....
एक और विज्ञापन में लड़की रात को गाडी खराब होने के कारण रास्ते में एक लड़के के यहाँ रुकना चाह रही है ..लड़का गोली खा कर तरकीब लडाता है की लड़की उसके कमरे में रुक जाए ...यानि चाकलेट खाते ही दिमाग में शैतान जाग गया ...

कोल्ड ड्रिंक का विज्ञापन ....'''''
लड़का कोल्ड ड्रिंक घटक रहा है ..और लड़की के मुहँ से लार टपक रही है ....


एक वाशिंग पाउडर का विज्ञापन ....
विज्ञापन में महिला को महिला का विरोधी बताया है क्योंकि ..उसकी साड़ी उससे ज्यादा सफेद है ..जो उसे बर्दास्त नहीं है ..''

में ये कह रहा हूँ की ..महिलाओं के उपयोग की वस्तुओं का विज्ञापन कोई लड़की करे तो समझ में आता है ..पर पुरुषों के उपयोग की वस्तुओं का विज्ञापन लड़की करे ...ये मेरी तो समझ के बाहर है ..असल में महिला आज भी बिकाऊ है उसे पुराने ज़माने की तरह सीधे तौर पर जबरिया नहीं बेचा जा रहा है पर उसकी देह के खरीदार आज के सभ्य समाज में भी है ..बस तरीके बदल दिए गए है ..अन्यथा स्त्री आज भी बाज़ार में बिक रही है किसी वस्तु या मवेशी की तरह ...

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