राजस्थान के कुल बजट का 87 % भाग राज्य कर्मचारियों के वेतन, भत्ते, पेंशन या अन्य सुविधाओं में ही खर्च हो जाता है. बचे हुए 13 % भाग से राज्य का विकास कैसे हो. सीधी गणित ये है की एक तरफ राज्य की कुल आबादी के केवल 1 % कर्मचारी, नेता राज्य के सालाना बजट की 87 % राशी डकार रहें है वहीँ 99 % आमजन के हिस्से में केवल 13 % राशी आ रही है..अब इस हालत में कैसे गरीबी बेरोजगारी दूर हो कैसे मजदुर किसान खुश रहे.
राज्य की आबादी लगभग 6 करोड़ है इनमें से कर्मचारियों की संख्या महज 6 लाख है.
ये जनता के साथ धोखा है, ये सरकारी लुट है, हमने जिन्हें राज्य के खजाने की जिम्मेदारी दी वे ही उसमे सेंध लगा रहें हैं .इनको शर्म ही नहीं आ रही है ..
साल के कुल 365 दिनों में से ये कर्मचारी 183 दिन की छुट्टी की मौज भी उड़ा रहे हैं ..दफ्तरों में अधिकांश कर्मचारी काम से जी चुराते हैं और रिश्वत खाते हैं वो और अलग से जनता पर सितम है ..
1 comment:
ha ye har nagrik ko sochne ki baat hai. jis rajya me janta ke khari kamai ka 90 pratishat rupyaa nithlee karmcharion ki tankha me jata ho us rajya ki janta garibi aur manghai se nahi jujegi ? kamzor hatho me sarkari khazana
loot sako to looto rozzna
ki tarz per easa kab tak chlega
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