Tuesday, March 15, 2011

मुन्नी बदनाम हुई डार्लिंग तेरे लिए ....

मुन्नी ही बदनाम क्यों होती है , ये मुन्ना क्यों नहीं होता ..

मेरे पड़ोस की मुन्नी ..पड़ोस के मुन्ने के साथ पिछली रात को मां बाप को सोते छोड़ खिड़की से कूद कर भाग गई .. शंका पहले से रही होगी क्योंकि उनकी मुहब्बत का चर्चा आम था ..पर जो होना था वही हुआ ..जेसे भेंस चोरी होने के बाद खाली तबेले में अपने सर पिटते मुन्नी के माँ बाप घर में मातम मना रहे थे ...

वहीँ बाहर मुझे बाजु वाले महाशय ...मुहल्ले की चाय की पटरी पर मिले ..लोकल अख़बार में झांकते हुए... और मुझे आता देख वो चेहरे पर नकली दुःख का आवरण चढ़ा कर मुझसे मुखातिब होकर बड़े चुटीले अंदाज़ में बोले ..हें भई..जानते हो .?.अपनी गली के लास्ट घर के पहले वाले घर में जो छोकरी नहीं थी ..मेने जान बुज कर कहा कौनसी ...?

वो बोले अरे आप नहीं जानते वो जींस पहने स्कूटी चलाती थी और लटर पटर करती रहती थी ..चश्मा लगाती थी और मुहँ पर पूरा कपड़ा ढंक के निकलती थी .. मेने कहा अच्छा..वो लड़की जो जब भी राह में मिलते प्रणाम करती थी ..वो ..?

अरे हाँ वो मुन्नी .. वही पर.. वो मुझे प्रणाम नहीं करती थी ....वो उसके घर के ऐन सामने वाले घर में रहने वाले मुन्ने के साथ भाग गई ...

उनका ड्रामा इस कदर का था मानों इनकी लड़की भाग गई हो .. मेने सोचा इनको प्रणाम नहीं करती थी क्या इसलिए कसर निकल रहे हैं ..

अब में पूर्वाग्रहों से ग्रसित इस सामाजिक व्यवस्था के बारे सोच रहा था की ..लोग लड़की के भागने को ही इश्यु क्यों बनाते है ..अरे भई मुन्ना भी तो भागा है ..उसके लिए इस प्रकार टिप्पणी कर क्यों नहीं कहा जा रहा है ..

मेने यही बात निन्दारत निंदक महाशय से कही ..वो बोले ..अरे भई लड़के का क्या है ...उसके क्या फर्क पड़ेगा ..जिंदगी तो लड़की की बर्बाद होगी ना ..

मेने सोचा ...हमेशा लड़की की जिंदगी खराब होगी ये रट्टा सबके सामने मार मार के ही उसकी बदनामी कर देते है ..फिर तो जिन्दगी बर्बाद होनी ही है .

मुन्ने के माँ बाप कह रहे थे ..अरे छोरी का क्या है ..उसके माँ बाप का तो शादी का खर्चा बचा ..जीवन तो हमारे मुन्ने का ख़राब हुआ हमारा हुआ हाय रे......!!!! बिरादरी में नाक कटवा दी.. कमाने लायक छोरा हाथ से निकल गया ..अरे ना जाने क्या जादू कर दिया उस छोकरी ने हमारे मुन्ने पर ..सत्यानाश जाए उसका ..और उसको पैदा करने वालों का ..

कुल मिला कर सारा दोष लड़की का ...लड़की सुंदर हो तो ये आरोप की उसने लड़के पर जादू कर दिया और भगा ले गई

गरीब हो तो ये आरोप की लड़की के माँ बाप का शादी का खर्चा बचा ..

प्रगतिशील हो तो ये आरोप की ..अरे भई कोई जात बिरादरी भी कोई चीज होती है या नहीं ..पता नहीं किस खानदान से हैं .

पुलिस में जाओ तो थानेदार बड़े चुटीले अंदाज़ में कहेगा ,,,,हैं भई किसी के साथ चक्कर होगा ..आपने टाइम से शादी क्यों नहीं करवा दी ..होती तो आज ये नौबत नहीं आती ..और पुलिस वाले ..हमदर्दी की बजाय अपना इस बारे में ज्ञान बांटने लग जाते है ...मेरी गारंटी है ..इनका पुराना चक्कर होगा ..

अरे में सब जानता हूँ ..आजकल की लड़कियों को ..और कुछ करे नहीं करे पर बॉयफ्रेंड पहली फुर्सत में बना लेती है ..शाम को झील किनारे चले जाओ ..पता लग जाएगा ..की शहर से कितनी लड़कियां भगने वाली है ..

मेने सोचा ,,अरे क्यों मुन्नी के पीछे पड़े हो ..क्यों उसे ही बदनाम करते हो ..मुन्नी बेचारी सदियों से बदनाम होती आ रही है इन सब मुन्नों के लिए ..मुन्ने के साथ भागने से मुन्नी को मिलता क्या है ..केवल जिल्लत, रुसवाई, बदनामी ..पर मुन्नी इसलिए बदनाम होती है क्योंकि वो अपने मुन्ने को दिल की गहराईयों से टूट कर बेइन्तहा चाहती है ..कोई मुन्नी की भावनाओं को कोई समझेगा ,,क्या ..?

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