
Thursday, April 21, 2016
बिहार में शराब बंदी
बिहार में शराब बंदी हो गई। राजस्थान के कई जिलोँ और अन्य राज्यों में भी जनता शराबबंदी के लिए लाम बंद है।
अगर पूर्ण शराबबंदी हो गई तो हिंदी फिल्मों का पूरा एक बड़ा चित्रण जो शराबी की एक्टिंग पर आधारित होता है उसे हटाया जा सकेगा और ऐसा हुआ तो कई फ़िल्मी पात्र बेमौत मर जायेंगे।
विलेन आलिशान क्लब या बार में दारू पीता नजर नही आएगा।
हीरो पी कर नायिका के बाप के सामने तू तू में में नही कर सकेगा।
और नायिका दारू पी के मस्ती में झूम नही सकेगी।
दारू ने हिंदी सिनेमा को कई यादगार कालजई दृश्य दिए हैं।
शोले में धर्मेन्द्र का पानी की टंकी वाला दृश्य सबको याद होगा।
इस दृश्य ने इस देश के कई हड़तालीयों प्रेमियों युवाओं आदि की मांगे मनवाने के लिए प्रेरणा दी है।
मांग पूरी करवाने के लिए टंकी पर चढ़ के कूदी मारने की धमकी देना बड़ा आसान सुलभ तरीका है।
केस्टो मुखर्जी की शक्ल ही शराबी हो गई थी।
तो अमिताभ ने भी फिल्म हम में शराबी का यादगार सीन दिया।
और भी कई हैं।
फिल्म तिरंगा में नाना का दृश्य भी अच्छा था।
शराब पर कई शायरों कवियों गीतकारों ने रचनाएँ लिखी है।
दारू और प्रेमिका को समकक्ष देखा जाता है दोनों का नशा भयंकरतम होता है।
प्रेमिका की आँखे मद भरी होती है तो उसके लब शराब के जाम तो उसका पूरा बदन नशेमन होता है।
दारू गरीब के लिए सामाजिक बुराई है तो अमीर के लिए शगल।
ये व्यक्ति की हेसियत पर निर्भर करता है कि उसके कुकर्मों का आंकलन कैसे किया जायेगा।

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